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उत्तराखंड में महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में शुरू की गई योजनाएं नई ऊंचाइयां छू रही हैं। साल 2022 में लखपति दीदी योजना की शुरुआत के बाद से अब तक 1.63 लाख ग्रामीण महिलाओं की सालाना आय एक लाख रुपये से अधिक हो चुकी है।

इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए सरकार अब जलसखी योजना के जरिए एक और क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है। इस नई पहल के तहत ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति और बिलिंग का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा जाएगा, जिससे उनकी आजीविका को और बल मिलेगा।

🌸जलसखी योजना

हर घर नल योजना के तहत उत्तराखंड में पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य लगभग पूरा हो चुका है। अब पेयजल विभाग इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नए कनेक्शन, बिल वितरण, बिल वसूली और पेयजल योजनाओं के रखरखाव का काम इन समूहों को आउटसोर्स किया जाएगा।

साथ ही, पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए इन समूहों को विशेष किट्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पहल से न केवल ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि पेयजल व्यवस्था को भी और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।

🌸प्रति बिल 10 रुपये का प्रोत्साहन

जलसखी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह पेयजल योजनाओं में खराबी की जानकारी विभाग को देंगे और इसके लिए उन्हें नल जल मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हो रही इस योजना में प्रत्येक बिल के लिए 10 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके अलावा, समूहों को राजस्व में भी हिस्सेदारी मिलेगी। यह कदम ग्रामीण महिलाओं को घर बैठे अतिरिक्त आय का जरिया उपलब्ध कराएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।

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🌸लखपति दीदी

2022 में शुरू हुई लखपति दीदी योजना का लक्ष्य 5.07 लाख महिलाओं की सालाना आय एक लाख रुपये तक पहुंचाना है। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को कृषि, उद्यान, दुग्ध उत्पादन, सिलाई-कढ़ाई, रसोई गैस वितरण, प्रारंभिक पशु चिकित्सा, बीमा योजनाएं और डिजिटल लेनदेन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

केवल तीन साल में ही 1.63 लाख महिलाएं इस लक्ष्य को हासिल कर चुकी हैं। अब सरकार का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष के अंत तक तीन लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए एक गेमचेंजर साबित हो रही है।

🌸सशक्त बहना उत्सव

महिलाओं की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए अगस्त 2023 में शुरू हुई मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना भी शानदार नतीजे दे रही है। इस योजना से जुड़ी 30 हजार से अधिक महिलाएं अब तक 4.93 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुकी हैं। योजना का मकसद स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंचाना है। इससे न केवल महिलाओं की आय बढ़ रही है, बल्कि उनके उत्पादों को पहचान भी मिल रही है।

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🌸हाउस ऑफ हिमालयाज

उत्तराखंड के पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक कृषि उत्पादों और जड़ी-बूटियों को वैश्विक मंच देने के लिए दिसंबर 2023 में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड लॉन्च किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों शुरू हुए इस ब्रांड में 36 उत्पाद शामिल हैं, जिनमें से 12 को जीआई टैग मिल चुका है।

यह टैग उत्पादों की प्रामाणिकता और गुणवत्ता की गारंटी देता है। राज्य के हवाई अड्डों, हैलीपैड और प्रमुख होटलों में हाउस ऑफ हिमालयाज के 11 स्टॉल लगाए गए हैं। इसके अलावा, ई-कॉमर्स साइट्स के जरिए भी इन उत्पादों की बिक्री हो रही है, जिससे उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिल रही है।

🌸महिलाओं का सशक्तिकरण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उनकी सरकार का फोकस महिलाओं को हर क्षेत्र में सशक्त बनाना है। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। जलसखी योजना जैसे कदम ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह पहल न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उत्तराखंड के विकास में भी नया आयाम जोड़ेगी।

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