International News:सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर पहुंचे रूस,रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दी शरण

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सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस पहुंच चुके हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को शरण दी है। राष्ट्रपति असद पत्नी अस्मा और दोनों संतानों के साथ रात में रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच गए हैं।

🌸रूस ने कहा है कि सीरिया में सत्ता का शांतिपूर्ण तरीके से हस्तांतरण होना चाहिए।

विद्रोही लड़ाकों ने रविवार को राजधानी दमिश्क पर भी कब्जा कर लिया। जानकारी के मुताबिक, असद का विमान सीरिया से लताकिया से उड़ान भरकर मॉस्को पहुंच गया।

विद्रोहियों के तेजी से बढ़ते कदमों की धमक असद को दशकों से समर्थन दे रहे रूस और ईरान ने पहले ही महसूस कर ली थी। इसीलिए शुक्रवार को रूस ने अपने नागरिकों से सीरिया छोड़ने के लिए कहा था और ईरान ने भी अपने लोगों को बुलाना शुरू कर दिया था लेकिन असद इतनी जल्दी मैदान छोड़ देंगे, इसका अंदाजा किसी को नहीं था।

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🌸सीरिया में जश्न का माहौल

अलेप्पो, हामा, दीर अल-जोर, दारा और सुवेदा के बाद महज कुछ घंटे में मामूली प्रतिरोध के बाद तीसरा बड़ा शहर होम्स भी शनिवार-रविवार रात विद्रोहियों के कब्जे में चला गया। विद्रोहियों ने जश्न में समय नहीं गंवाया और वे राजधानी दमिश्क पर कब्जे के लिए बढ़ गए। रास्ता साफ मिला और तड़के वे दमिश्क में प्रवेश कर गए।

🌸बड़े पैमाने पर पलायन, पड़ोसी देश चिंतित

अलेप्पो, होम्स और दमिश्क पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद तीनों शहरों से लोगों का पलायन शुरू हो गया है। भविष्य की अनिश्चितता के चलते हजारों लोगों ने घर छोड़ दिया है।

देश पर कब्जे की लड़ाई छिड़ने की आशंका से अभी तक करीब चार लाख लोग घर छोड़ चुके हैं, आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ने के आसार हैं। इन लोगों को रोकने के लिए जार्डन और लेबनान ने पहले ही अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं। लेकिन पड़ोसी देश शरणार्थियों को कब तक रोक पाएंगे, इसे लेकर संदेह है।

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🌸कई इलाकों में लड़ रही है सेना

राजधानी दमिश्क में सेना ने भले ही विद्रोहियों के लिए रास्ता छोड़ दिया हो लेकिन हामा और होम्स के कुछ इलाकों में सेना विद्रोहियों से लड़ रही है। असद की सत्ता खत्म होने की घोषणा के साथ ही सेना ने आतंकी समूहों से लड़ाई जारी होने की बात कही है। देश के अन्य इलाकों में भी सेना ने अभी मोर्चे नहीं छोड़े हैं। कई सशस्त्र संगठनों के कब्जे वाले इलाकों में सेना तैनात है।

 

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