Uttrakhand News :हरिद्वार में गंगाजल लेने आए दो कांवड़ यात्रियों की देहरादून के सहस्रधारा पर्यटक स्थल पर नदी में बहने से मौत,घटना के बाद रोका स्नान
दिल्ली के अपने साथियों के साथ हरिद्वार में गंगाजल लेने आए दो कांवड़ यात्रियों की देहरादून के सहस्रधारा पर्यटक स्थल पर नदी में बहने से मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पहले एक कांवड़ यात्री पानी के तेज बहाव में बहने लगा तो उसे बचाने के लिए दो और ने भी छलांग लगा दी। इसके बाद तीनों तेज बहाव में बह गए।
सूचना पर वहां पहुंची पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने एक कांवड़ यात्री को जीवित बचा लिया, जबकि दो की मौत हो गई। मृतकों की पहचान इंद्रपाल व भूपेंद्र सिंह राणा दोनों निवासी ई-ब्लाक सुल्तानपुरी (दिल्ली) के रूप में हुई। सुरक्षित बचाए गए सुल्तानपुरी निवासी कांवड़ यात्री मनोज को भी चोटें आई हैं।
💠दिल्ली से आया था 10 युवकों का दल
थानाध्यक्ष राजपुर पीडी भट्ट ने बताया कि दिल्ली से 10 युवकों का दल कांवड़ लेकर हरिद्वार के लिए निकला था। हरिद्वार सीधे जाने के बजाए यह दल पहले सहस्रधारा में घूमने आ गया। इसके बाद उनकी हरिद्वार जाने की योजना थी।
बुधवार रात हुई भारी वर्षा के कारण गुरुवार को सहस्रधारा में नदी का जल-स्तर और इसका वेग काफी बढ़ा हुआ था। इसी दौरान एक कांवड़ यात्री का पांव फिसल गया और वह बहने लगा। उसे बचाने को दो कांवड़ यात्री नदी में कूद पड़े लेकिन वह भी तेज बहाव में बह गए।
इनमें से एक ने कुछ दूरी पर नदी के बीच में स्थापित बड़े पत्थर को पकड़कर खुद को बहने से बचा लिया, जबकि बाकी दो दूर तक बहते चले गए।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस व एसडीआरएफ ने स्थानीय लोगों की मदद से पहले पत्थर के सहारे फंसे कांवड़ यात्री को बाहर निकाला। इसके बाद अन्य दो की तलाश की।
बह गए दोनों कांवड़ यात्रियों के शव पुलिस ने सहस्रधारा से करीब दो किमी आगे बरामद किए। पुलिस ने सभी को कोरोनेशन अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने इंद्रपाल व भूपेंद्र को मृत घोषित कर दिया। जीवित बचाए गए मनोज को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।
💠घटना के बाद रोका स्नान
गुरुवार को हुई घटना के बाद पुलिस ने सहस्रधारा नदी में स्नान फिलहाल रोक दिया है। जो भी पर्यटक नहाने के लिए सहस्रधारा पहुंचे, उन्हें खतरे की चेतावनी देकर नदी में उतरने से रोक दिया गया। जिला-प्रशासन की ओर से भी पर्यटकों व आमजन से अपील की गई है कि वर्षाकाल में नदी-नालों के किनारे न जाएं और नहाने के लिए पानी के तेज बहाव में न उतरें।