Haldwani News:सीएम धामी ने IAS दीपक रावत को दी अहम जिम्मेदारी, हल्द्वानी में हुए दंगों के मजिस्ट्रेट जांच के दिए आदेश
हल्द्वानी में आठ फरवरी को एक अवैध मदरसे के ढहाए जाने के बाद हुए दंगों की शनिवार को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।इसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड के चर्चित आईएएस अफसर दीपक रावत को दी गई है, जो कि इस वक्त कुमाऊं कमिश्नर हैं।
इसके साथ ही शहर के बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है, लेकिन अंदरुनी और संवेदनशील हिस्सों अभी भी कर्फ्यू जारी रहेगा।हल्द्वानी पुलिस ने कहा कि अवैध मदरसे का निर्माण करने वाले मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की तलाश की जा रही है।
नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीना ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए शहर में इंटरनेट सेवाएं अभी निलंबित रहेंगी।इस हिंसा के संबंध में अब तक तीन केस दर्ज किए गए हैं। पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. पुलिस ने अब्दुल मलिक नाम के एक आरोपी की तलाश शुरू कर दी है, जिसने अब ढहाए गए अवैध ढांचे का निर्माण किया था. इसके विध्वंस का सबसे जोरदार विरोध किया था। दंगाईयों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
इसके लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप का विश्लेषण कर रही है. एसएसपी ने कहा कि हल्द्वानी में आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस कर्मियों पर हमला एक साजिश का हिस्सा था। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक आदेश में कहा कि कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत द्वारा मजिस्ट्रियल जांच की जाएगी, जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र को बनभूलपुरा तक सीमित करने का आदेश शनिवार को नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने जारी कर दिया है।
इसके साथ ही कर्फ्यू आंशिक रूप से हटने के बाद शनिवार को शहर के बाहरी इलाके में दुकानें खुलीं लेकिन स्कूल बंद रहे। गुरुवार की हिंसा में छह दंगाई मारे गए जबकि 60 लोग घायल हो गए. हिंसा में मारे गए लोगों के बारे में एसएसपी ने कहा कि पुलिस फायरिंग में किसी की मौत नहीं हुई और पोस्टमॉर्टम से उनकी मौत की परिस्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि उग्र और हिंसा पर उतारु भीड़ को तितर-बितर करने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद पुलिस ने गोलीबारी की थी।
उन्होंने कहा, “गोलीबारी में किसी की मौत नहीं हुई क्योंकि हमने पूरे इलाके की तलाशी ली थी और कोई शव नहीं मिला था।शव अगले दिन अस्पतालों में पाए गए।पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि किन परिस्थितियों में उनकी मौत हुई है। इसके साथ ही एक आदेश में कहा गया है कि कर्फ्यू अब पूरे बनभूलपुरा क्षेत्र तक सीमित कर दिया गया है, जिसमें सेना छावनी (वर्कशॉप लाइन सहित) तिकोनिया-तीनपानी और गौलापार बाईपास की परिधि के भीतर का क्षेत्र भी शामिल है।