Pithoragarh News:पिथौरागढ़ बडालू गांव की बॉक्सर बिटिया ने रचा इतिहास, एशियन चैंपियनशिप में जीता गोल्ड
पहाड़ की बेटी निकिता चंद ने कजाकिस्तान में एशियाई जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर न केवल अपनी मातृभूमि बल्कि राज्य का भी मान बढ़ाया। निकिता की शानदार सफलता से सुदूरवर्ती खेल जगत में खुशी का माहौल है।
🔹तीसरी बार एशियाई चैंपियनशिप अपने नाम की
कजाकिस्तान में आयोजित जूनियर एंड यूथ एशियाई चैंपियनशिप के लिए निकिता को भारतीय टीम में चुना गया था। प्रतियोगिता के 60 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में निकिता ने उज्बेकिस्तान की बॉक्सर को पहले ही राउंड में पराजित कर एशियाई चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया। बता दिया जाए कि निकिता ने ये तीसरी बार एशियाई चैंपियनशिप अपने नाम की है। वर्तमान में निकिता बिजेंद्र मल्ल बॉक्सिंग अकादमी से प्रशिक्षण ले रही है और पीएनएनएफ स्कूल की छात्रा हैं।
🔹जाने निकिता के बारे में
पिथौरागढ़ के ग्राम बड़ालू निवासी सुरेश चंद की बेटी निकिता चंद वर्ष 2015 कुछ करने का जज्बा लिये मात्र नौ साल की उम्र में पिथौरागढ़ में अपने फूफा विजेंद्र मल के यहां आ गई थी। फूफा ने कक्षा 4 में उसका स्कूल में एडमिशन करा दिया। यहां उसने फूफा को बॉक्सरों के साथ पंच मारते देखा तो उसे भी बॉक्सिंग का शौक हुआ और उसने अपने फूफा की ही अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया।
🔹9 साल की उम्र में ही मुक्केबाजी को बनाया अपना लक्ष्य
आज के इस वक्त में ज्यादातर बच्चे जहां मोबाईल में ट्रेडिंग रील्स, सोशल मीडिया और गेम्स के दीवाने बने फिरते हैं वही निकिता जैसी बेटी एक मिसाल है जो इतनी कम उम्र में भारत को एक बार नहीं बल्कि 3 बार स्वर्ण पदक दिला चुकी है।पिथौरागढ़ के बड़ालू गांव की रहने वाली निकिता चंद एक ऐसी होनहार बेटी है जिन्होंने संसाधनों की कमी के बावजूद भी ये मुकाम हासिल किया है। बकरी पालक पिता की इस होनहार बेटी ने महज 9 साल की उम्र में ही मुक्केबाजी को अपना लक्ष्य बना लिया था, और फिर अपनी मेहनत के दम पर गांव से एशियन चैंपियनशिप तक का सफर तय किया। निकिता के पिता सुरेश चंद खेती-बाड़ी और बकरी पालन कर परिवार का पेट भरते हैं। निकिता की सफलता की खबर से उनके परिवार वाले भावुक हो उठे। निकिता की इस सफलता पर समूचे पिथौरागढ़ क्षेत्र और बडालू में खुशी की लहर है।