Almora News :अल्मोड़ा शहर के 150 साल पुराने मुरली मनोहर मंदिर में रहेगी आज धूम

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उत्तराखंड वैसे तो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां भगवान का भी वास है। उत्तराखंड को देवभूमि भी कहते हैं और इसका उदाहरण हमें यहां स्थित प्राचीन मंदिरों से मिलता है।

💠अल्मोड़ा में भी एक ऐसा ही मंदिर है जो अपने भव्य वास्तुकला का उदाहरण है। जिला मुख्यालय स्थित मुरली मनोहर मंदिर वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है।

ब्रिटिश शासनकाल के दौरान सन 1880 में निर्मित इस मंदिर की वास्तुकला देखते ही बनती है। मंदिर में योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ ही अन्य देवी देवताओं की भी प्रतिमाएं हैं। मंदिर श्रद्धालुओं की अथाह आस्था का केंद्र है। भाद्रपद मास की श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। दिन भर भजन-कीर्तन के माध्यम से 16 कलाओं से परिपूर्ण योगेश्वर श्रीकृष्ण की महिमा का यशोगान किया जाता है।

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💠ऐसे हुआ मंदिर का निर्माण

जिला मुख्यालय में तत्कालीन समाजसेवी कुंदन लाल साह के निधन के बाद उनकी पत्नियों गंगा साह व गोमती साह ने पंचों व अपने रिश्तेदारों की मदद से सन् 1880 में थाना बाजार के समीप ठाकुरद्वारे का निर्माण कराया। इसमें राधा, कृष्ण, लक्ष्मीनारायण तथा अन्य प्रतिमाएं जोधपुरी संगमरमर की मंगवाकर मंदिर में इनकी प्राणप्रतिष्ठा करवाकर स्थापित कर दिया। मंदिर में कृष्ण भगवान की प्रतिमा होने की वजह से ठाकुरद्वारे का नाम मुरली मनोहर मंदिर रखा गया।

💠19वीं सदी की हैं प्रतिमाएं

मंदिर में स्थापित सभी प्रतिमाएं 19 वीं सदी की हैं। इसके अलावा मंदिर के आगे प्रांगण में गणेश भगवान व हनुमान की दो प्रतिमाएं 1994 में वर्तमान न्यासियों द्वारा स्थापित की गई। जन्माष्टमी पर्व पर यहां जिला मुख्यालय ही नहीं राज्य के अन्य जनपदों के लोग भी मंदिर में दर्शन पूजन कर सुख-समृद्धि व निराेगी काया की कामना करते है। मान्यता है कि सच्चे मन से यहां पूजा अर्चना करने से मनुष्य को सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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💠जन्माष्टमी पर होगी स्पेशल पूजा

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर श्रद्धालुओं के हितों के दृष्टिगत ट्रस्ट की ओर से विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर में बुधवार व गुरुवार दो दिन विशेष पूजा होगी। श्रद्धालुओं को पूजा -अर्चना के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। स्थानीय कलाकारों के साथ ही हल्द्वानी से आमंत्रित कलाकार मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन प्रस्तुत करेंगे।