उत्तराखंड में पीसीएस अफसरों के प्रमोशन को लेकर बड़ी खबर
उत्तराखंड ब्यूरोक्रेसी में इन दिनों एक चिट्ठी से बवाल मचा हुआ है. ये चिट्ठी पीसीएस अफसरों के प्रमोशन से जुड़ी हुई है जिसे 27 जून को प्रस्तावित सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग से पहले संघ लोक सेवा आयोग को भेजा गया है.
अब संघ लोक सेवा आयोग ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को पत्र भेजकर मामले को मीटिंग से पहले शॉर्ट आउट करने को कहा है. उत्तराखंड में 2002 बैच के कई पीसीएस अफसरों के आईएएस में प्रमोशन के लिए 27 जून को सिलेक्शन कमेटी की मीटिंग होनी है लेकिन, इस मीटिंग से पहले ही एक शिकायत पत्र ने पॉवर कॉरीडोर में हलचल मचा दी है.
2004 बैच के 12 अफसरों के नाम से भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि ऐसे अधिकारियों के नाम प्रमोशन लिस्ट में रखे गए हैं, जो इसमें प्रमोशन के लिए पात्र नहीं हो सकते. एक अधिकारी पर आय से अधिक संपत्ति और गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति का भी आरोप है. कहा गया है कि इसके आधार पर मुख्य सचिव के द्वारा भी प्रमाण पत्र निरस्त करने के आदेश किए गए हैं.
इसी प्रकार एक अन्य अधिकारी जिन पर रिश्वत लेने के आरोप पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी जानी है, उसका नाम भी प्रमोशन की प्रक्रिया में शामिल किया गया है. पत्र में कहा गया है कि संभवत: संघ लोक सेवा आयोग को अधिकारियों की पूर्ण जानकारी नहीं दी गई, नहीं तो आयोग जैसी गरिमामय संस्था ऐसे अधिकारियों को पदोन्नति नहीं देती.पत्र में इसी तरह कई आरोप लगाए गए हैं.
पीसीएस की ज्येष्ठता सूची को भी विवादित बताया गया है , कहा गया है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.पत्र में कहा गया है कि प्रमोशन प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के समस्त सेवाकाल की स्वतंत्र संस्था से जांच कर ही पीसीएस से आईएएस में पदोन्नति की जाए या फिर ज्येष्ठता सूची पर सुप्रीम कोर्ट से अंतिम निर्णय आने तक प्रमोशन प्रक्रिया को स्थगित किया जाए. हालांकि, जिन 2004 बैच के जिन 12 पीसीएस अफसरों के नाम से ये पत्र भेजा गया है उन्होंने इसे फर्जी करार दिया है.
पत्र में 12 पीसीएस अफसरों के नामों का जिक्र है, लेकिन हस्ताक्षर नौ के ही हैं. जिन नौ लोगों के हस्ताक्षर हैं, उनमें डा.अभिषेक त्रिपाठी , डा.ललित नारायण मिश्र, रामजी शरण शर्मा, विप्रा त्रिवेदी, राहुल कुमार गोयल, डा. शिव कुमार बरनवाल, मुहम्मद नासिर, अशोक कुमार पांडेय और जय भारत सिंह. चमोली के सीडीओ ललित नारायण मिश्र , एडीएम अभिषेक त्रिपाठी ने फर्जी लेटर को लेकर बकायदा पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी है. देहरादून के एडीएम एसके बरनवाल ने बताया कि उन्होंने तहरीर दी है, लेकिन पुलिस अभी तक रिपोर्ट दर्ज करने को तैयार नहीं है.
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