मखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में लगी भीषण आग,रस्सी के सहारे नीचे उतर कर स्टूडेंट्स ने बचाई अपनी जान

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देश की राजधानी दिल्ली के मुखर्जी नगर में स्थित संस्कृति कोचिंग सेंटर  में गुरुवार दोपहर आग लगने के बाद हड़कंप मच गया।आलम ये रहा कि कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले बच्चों को रस्सी के सहारे खिड़की से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी. बच्चों को रेस्क्यू करने के कई वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं, जिस पर अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया आई है।

🔹रेस्क्यू के दौरान घायल हुए कुछ छात्र 

अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रेस्क्यू का एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘आग की ये घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. कुछ छात्र बचने के प्रयास में मामूली रूप से घायल हुए हैं. बाकी सभी छात्र सुरक्षित हैं. घबराने की बात नहीं है. दमकल विभाग द्वारा आग पर काबू पा लिया गया है. जिला प्रशासन भी मौके पर मौजूद है.’ यहां बताते चलें कि कोचिंग सेंटर में आग की सूचना मिलते ही दमकल की 11 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई थीं और दमकलकर्मियों ने सेंटर की तीसरी मंजिल पर फंसे करीब 400 बच्चों को रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकाला।

🔹60 से ज्यादा बच्चे अस्पताल में भर्ती  

जानकारी के अनुसार, जब कोचिंग सेंटर में आग लगी तब वहां करीब 400 बच्चे थे. फिलहाल सभी को रेस्क्यू कर लिया गया है. न्यू लाइफ अस्पताल के डॉक्टर वतन गौतम के अनुसार, अब तक 60 से ज्यादा छात्रों को रेस्क्यू के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया. इन सभी को आग लगने की वजह से चोटें आई हैं. कुछ छात्रों जल गए हैं और कुछ को छलांग लगाने की वजह से फ्रैक्चर्ड हैं.

🔹चश्मदीदों ने बताई पूरी कहानी 

लोगों का कहना है कि कोचिंग की एंट्री प्वाइंट से जहां बिजली के मीटर लगे हैं, यहीं से आग की शुरुआत हुई थी और ऊपर तक धुआं गया. आग लगने के बाद पूरे जगह पर पानी भरा गया ताकि कूल जगह को डाउन किया जा सके. एंट्री एग्जिट का सिर्फ एक ही रास्ता था जहां आग लगी. इसीलिए बच्चों को खिलड़ी से रेस्क्यू करना पड़ा. चश्मदीद बता रहें हैं कि बच्चे तीसरी मंजिल से कूदे हैं. कुछ के सर में भी चोटें आई हैं. हमने बैग गद्दे वगैरह रख बच्चों की जान बचाई है. हमने ऊपर से कूदते बच्चों को हाथों से भी कैच किया है. आधे घंटे लग गए एंबुलेंस आने में. लेकिन हमारी जान की कीमत ही नहीं है. न जाने कितने ही कोचिंग सेंटर यहां चल रहे हैं जो हमें जानवरों की तरह रखकर पढ़ाते हैं।

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