20 मई से शुरू होगी हेमकुंड साहिब यात्रा, इस बार बर्फीली गलियों से गुजरेंगे यात्री,8 फीट बर्फ ढका हेमकुण्ड साहिब

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों को पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा 20 मई से शुरू होने वाली है। लिहाजा जिला प्रशासन ने यात्रा को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
चमोली के जिलाधिकारी ने 18 किमी के पूरे मार्ग का टीम के साथ निरीक्षण किया। जहां-जहां पर कमियां पाई गईं, उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
गोविंद घाट से हेमकुंड तक निरीक्षण
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चमोली के जिलाधिकारी खुराना ने गोविंद घाट गुरुद्वारे से निरीक्षण शुरू किया और फिर टीम के साथ हेमकुंड साहिब तक पहुंचे। उन्होंने अपने दौरे के वक्त जिम्मेदार अधिकारियों को समय सीमा के अंदर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी दिए हैं। पूरे मार्ग पर बिजली, पानी, शौचालय, साफ-सफाई और स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया।
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग में रेलिंग, पार्किंग, संपर्क मार्ग, पुल, बारिश के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था, आश्रय, बेंच और इमरजेंसी व बचाव कार्य के लिए हेलीपैड जैसी सुविधाओं की भी समीक्षा की।
इन सुविधाओं के दिए निर्देश
उन्होंने अधिकारियों से तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मार्ग में हैक्टोमीटर पत्थर और संकेतक लगाने का निर्देश दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने जल संस्थान को घांघरिया में वाटर एटीएम शुरू करने, भुंदर में मेडिकल रिलीफ पोस्ट और पैसेंजर शेड के पास वाटर एटीएम उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।
अभी मार्ग पर है 8 फीट बर्फ
बता दें कि अभी तीर्थयात्रा मार्ग पर करीब 8 फीट मोटी बर्फ की परत जमी हुई है। लक्ष्मण मंदिर और हेमकुंड सरोवर जैसे स्थल भी पूरी तरह से बर्फ से ढके हुए हैं। हेमकुंड साहिब का शाब्दिक अर्थ “बर्फ की झील” है। यह समुद्र तल से 4633 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा है।