मणिपुर से 14 छात्रों समेत 17 लोगों की हुई घर वापसी, सीएम धामी का जताया आभार

मणिपुर में फंसे उत्तराखंड से छात्रों और नागरिकों को सकुशल वापस लाया गया है. मणिपुर में इन दिनों अशांति है।वहां मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने का विरोध करते हुए नागा और कुकी उग्र हो गए।बुधवार को 14 छात्रों समेत 17 लोग उत्तराखंड के देहरादून पहुंचे. इन सभी को जिला प्रशासन के वाहनों से जौलीग्रांट एयरपोर्ट से आईएसबीटी देहरादून भेजा गया। वहां से इन्हें राज्य में इनके संबंधित गंतव्यों के लिए रवाना किया गया है।वापस लौटे लोगों ने सीएम धामी का शुक्रिया अदा किया है।
सीएम धामी ने दिया था वापस लाने का निर्देश
दरअसल मणिपुर हिंसा के बीच 7 मई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की छात्रा इशिता सक्सेना को सरकारी खर्च पर उत्तराखंड लाने के निर्देश दिए थे।वहीं, सोमवार 8 मई को सीएम धामी ने मणिपुर में पढ़ाई कर रहे छात्रों को भी वापस लाने के लिए नागरिक उड्डयन विभाग को निर्देश दिए थे। ये छात्र और वहां फंसे उत्तराखंड के नागरिक राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे थे। इसके बाद सरकारी महकमा तेजी से सक्रिय हुआ और बुधवार को 14 छात्रों समेत 17 लोगों को सकुशल उत्तराखंड लाया गया।
नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं ये छात्र
जिन छात्रों को मणिपुर से वापस उत्तराखंड लाया गया है वो मणिपुर स्थित नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं।इनके अभिभावक अशांत मणिपुर में इनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।बुधवार को मणिपुर से 17 लोग जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे. एयरपोर्ट पर डोईवाला एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी ने इन लोगों का स्वागत किया।वापस लौटे 17 में से 10 छात्र छात्राएं मणिपुर स्थित नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। चार छात्र एनआईटी में पढ़ते हैं।
मणिपुर में हो रही हिंसा
मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय उनको अनुसूचित जनजाति यानी एसटी का दर्जा देने की मांग कर रही है।उधर नागा और कुकी समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। दरअसल पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में कुल 16 जिले हैं. इनमें 53 प्रतिशत मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। मणिपुर का 90 फीसदी इलाका पहाड़ी है।यहां पर 42 फीसदी कुकी और नागा के अलावा दूसरी जनजातियां निवास करती हैं।
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